To Know Your Future Call us

We are working on vedic Astrology Principles and providing Remedies also.

To Know the time of your Marriage call us on 09829412361

Remedies for business problems call us

To know remedies for Health problems call us

What is your lucky color, stone or day ?ask us , we will tell you.

This is default featured slide 4 title

How to get relief from enemies ? call us .

to read astrology article visit www.peeyushvashisth.com

To get astrology consultancy , matchmaking or Remedies on phone , call us on 9829412361 .

Showing posts with label remedies for court case. Show all posts
Showing posts with label remedies for court case. Show all posts

Tuesday, 28 January 2014

Vedic Remedies to get victory in court case

कोर्ट केस और ज्योतिष

Court case and astrology
court case

कोर्ट केस और ज्योतिष

अक्सर मनुष्य को अपने कारणो से न्याय के लिये जाना पडता है,न्याय भी प्रकृति के अनुसार ही मिलता है,अगर किसी को न्यायालय न्याय नही दे पाता है तो प्रकृति अपने द्वारा उसे सजा देती है,लेकिन किसी प्रकार का छल या फ़रेब करने के बाद न्याय ले लिया जावे तो वह न्याय नही बेईमानी कही जाती है,प्रकृति ने न्याय के लिये जिन कारकों को नियुक्त किया है वे इस प्रकार से हैं

लगन वादी है

कुन्डली या प्रश्न कुन्डली में लगन वादी होती है और वह वाद कुन्डली में लगनेश के स्थान से पता किया जाता है,लगनेश पर कब खराब या अच्छे ग्रह फ़रक डाल रहे होते है,जो ग्रह अपने असर से खराब असर देता है वही कारण न्यायालय में जाने का होता है।

सप्तम स्थान प्रतिवादी का है

लगन से या प्रश्न कुन्डली से सप्तम स्थान प्रतिवादी का होता है,अगर सप्तमेश किसी प्रकार से शक्तिशाली होता है तो प्रतिवादी की जीत होती है,और कमजोर रहने पर वह हार जाता है और वादी की जीत हो जाती है,सप्तमेश का असर जिन जिन राशियों या ग्रहों पर होता है वहीं पर प्रतिवादी अपना खराब असर देता है।

शनि केतु दोनो मिलकर वकील बनते है

न्यायालय में जाने के लिये वकील की जरूरत पडती है,शनि और केतु अगर अगर माफ़िक है तो वकील ठीक मिलता है,और शनि केतु ठीक नही है तो वकील भी परेशान करते है।

शनि न्यायालय का रूप बताता है

जन्म कुन्डली या प्रश्न कुन्डली से शनि का स्थान देखकर ही पता किया जाता है कि न्यायालय का क्षेत्र कैसा है,उच्च न्यायालय के लिये शनि की उच्चता और नीचे के न्यायालयों के लिये शनि के निम्न भावों में स्थिति देखकर पता किया जाता है।

जज गुरु होता है

जन्म कुन्डली की या प्रश्न कुन्डली की स्थिति को देखकर पता किया जाता है कि गुरु किस भाव में है और गुरु पर किस किस ग्रह का असर जा रहा है,गुरु के ऊपर जिस ग्रह की नजर होती है जज उसी प्रकार का न्याय देता है,और गुरु जिस ग्रह को अपना असर देता ग्रह को उसी प्रकार से न्याय लिखना पडता है।

शनि बुध इतिहासिक न्याय कर्ता है

कुन्डली में अगर किसी प्रकार से शनि और बुध की युति से न्याय लिखा जाता है तो वह इतिहासिक न्याय कहा जाता है,और उस न्याय के द्वारा अन्य लोगों को न्याय देने के लिये वकील या जज उस दिये गये न्याय का हवाला अदालत में देते हैं।

न्याय मिलने की अवधि शनि तय करता है

कर्म और फ़ल का दाता शनि न्याय के समय को निश्चित करता है,राहु वादी प्रतिवादी को भ्रमित करने के बाद न्यायालय में घुमाते रहते है,और वकील के लिये कमाई का साधन राहु ही करवाता है।

राहु का कार्य दो को लडाकर दूर बैठकर तमाशा देखना है

दो व्यक्तियों को चुगली के द्वारा या अन्य कारण से राहु भ्रम में डाल देता है,उन भ्रमों के कारण दोनो एक दूसरे से पूंछे बिना ही या किसी प्रकार की राहु की हरकत से ग्रसित होकर एक दूसरे के जान के दुश्मन बन जाते है,और कोर्ट केश या थाने अदालत के चक्कर लगा लगा कर बरबाद हुआ करते है।

शनि राहु की युति और मंगल की द्रिष्टि जेलखाना है

कुन्डली में शनि राहु की युति को अगर मंगल देखता है तो जेलखाना या नजरबंदी कहा जाता है,लेकिन किसी प्रकार की गुरु या सूर्य की युति जेलखाने के भाव को बदल कर रेलगाडी या वाहन की चलती फ़िरती केटरिंग में बद्ल देते है,यह भाव किसी प्रकार से केतु की उच्चता में गाडियों की रिपेयरिंग का स्थान भी बन जाता है।

द्वितीयेश धन तृतीयेश चैक षष्ठेश बैंक है

दूसरे भाव का मालिक नगद धन का मालिक है तीसरे भाव का मालिक चैक है और छठे भाव का मालिक बैंक है,तीसरे भाव को अगर अच्छा ग्रह देख रहा है तो चैक पास हो जाता है,और अगर कोई गलत ग्रह देख रहा है तो वह चैक अनादरित हो जाता है,उसी प्रकार से दूसरे भाव का मालिक अगर कमजोर है तो बैंक में धन नही है और चैक के द्वारा गलत तरीके से भुगतान किया जा रहा है,तीसरे भाव को राहु के देखने पर झूठा चैक दिया जा रहा है।

नवें भाव का राहु प्रतिवादी को झूठ बुलवाता है

नवां भाव प्रतिवादी के लिये तीसरा भाव बन जाता है,और राहु की सिफ़्त झूठ बोलने की होती है,इसलिये प्रतिवादी के अन्दर झूठ बोलने की कला आ जाती है,लेकिन गुरु अगर राहु के साथ है तो गुरुचान्डाल योग बनने से जज को झूठी बात पर भी यकीन हो जाता है और फ़ैसले में झूठे व्यक्ति का फ़ायदा हो जाता है,लेकिन राहु के गोचर में मंगल के साथ पहुंचते ही झूठ से पर्दा उठ जाता है,तथा झूठे तरीके से जीते गये केश का असर अचानक मौत या किसी प्रकार के भयंकर हादसे के रूप में सामने आता है,अथवा झूठी बात या गवाही देने वाले के लिये किसी न मिटने वाली बीमारी के पैदा होने के कारण उसे पूरी सजा जो मिलनी थी वह मिलती है,तथा जो नुकसान झूठी बात या गवाही देने के कारण वादी को हुआ था उसे किसी अन्य मद के जरिये उसकी क्षति पूर्ति हो जाती है,यही प्रकृति का न्याय बोला है,और जज को हर फ़ैसले में Natural Law के बारे में सोचना पडता है।

यदि आप भी किसी कोर्ट केस से पीड़ित है और इसका परिणाम या विजय प्राप्ति का उपाय जानना चाहते है तो फ़ोन द्वारा संपर्क कर सकते है
आचार्य पीयूष वशिष्ठ
+91   9829412361
To read more remedies click here

Read More Astrology Articles

Read More Astrology Numerology & Vaastu Articles Just Click On Image Astrology remedies for house vashikaran black magic vashikaran black magic Marriage astrology Early marriage upay Lal kitab astrology planet time navratri maa durga puja vidhi astrology remedies for house problems Indian astrologers tantra mantra beejmantra black magic gemstone astrology aditya hridaya puja job planets in horoscope Ask questions to god ganesh ji kalsarp dosh puja vidhi manglik dosh puja vidhi vaastu calculation for home astrology remedies for job

 
bet365
Astrologer In Jaipur Innovative Engineering Projects