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Sunday, 16 February 2014

Astrology Remedies to get safety from vehicle accident | वाहन दुर्घटना से बचने का आसान उपाय

वाहन  दुर्घटना से बचने का आसान उपाय

How to get safety from vehicle accident | वाहन  दुर्घटना से बचने का आसान उपाय
आजकल वाहनों की दुर्घटना आम बात हो गयी है , सड़क पर हर कदम सोच समझ कर रखना पड़ता है ,वाहन की संख्या जिस हिसाब से बढ़ रही है उसी हिसाब से दुर्घटनाये भी बढ़ रही है । एसे में अपने जान माल की सुरक्षा होना जरुरी है । हनुमान जी की शक्ति से संपन्न वाहन दुर्घटना नाशक यन्त्र को अपने घर और वाहन में स्थापित करने पर ,,श्री हनुमान जी की कृपा से वाहन आदि से दुर्घटना का भय बिलकुल नहीं रहता है । सर्वत्र रक्षा होती है । इसे मंगलवार या शनिवार के दिन एक यन्त्र घर पर और एक यन्त्र अपने वाहन के आगे के हिस्से में कही पर भी रख दे । धुप दीप दिखा कर पूजा अवश्य करे पहले ।
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इसके अतरिक्त जब भी घर से बहार निकले तो 11  बार ॐ ज़ूम सः इस मंत्र का जप करके निकले |  

इस लेख के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार के शंका समाधान या फ़ोन पर अपनी जन्मपत्रिका के विस्तृत फलादेश या किसी समस्या के समाधान के लिए आप फ़ोन द्वारा संपर्क कर सकते है |

आचार्य पीयूष वशिष्ठ ( गोल्ड मेडलिस्ट )

+91 9829412361

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Tuesday, 28 January 2014

astrology and disease

ग्रह और बीमारियाँ 



ग्रह और बीमारियाँ -ग्रह जब भ्रमण करते हुए संवेदनशील राशियों के अंगों से होकर गुजरता है तो वह उनको नुकसान पहुंचाता है। नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव को ध्यान में रखकर आप अपने भविष्य को सुखद बना सकते हैं।

वैदिक वाक्य है कि पिछले जन्म में किया हुआ पाप इस जन्म में रोग के रूप में सामने आता है। शास्त्रों में बताया है-पूर्व जन्मकृतं पापं व्याधिरूपेण जायते अत: पाप जितना कम करेंगे, रोग उतने ही कम होंगे। अग्नि, पृथ्वी, जल, आकाश और वायु इन्हीं पांच तत्वों से यह नश्वर शरीर निर्मित हुआ है। यही पांच तत्व 360 की राशियों का समूह है।
graha aur rog
इन्हीं में मेष, सिंह और धनु अग्नि तत्व, वृष, कन्या और मकर पृथ्वी तत्व, मिथुन, तुला और कुंभ वायु तत्व तथा कर्क, वृश्चिक और मीन जल तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। कालपुरुष की कुंडली में मेष का स्थान मस्तक, वृष का मुख, मिथुन का कंधे और छाती तथा कर्क का हृदय पर निवास है जबकि सिंह का उदर (पेट), कन्या का कमर, तुला का पेडू और वृश्चिक राशि का निवास लिंग प्रदेश है। धनु राशि तथा मीन का पगतल और अंगुलियों पर वास है।
इन्हीं बारह राशियों को बारह भाव के नाम से जाना जाता है। इन भावों के द्वारा क्रमश: शरीर, धन, भाई, माता, पुत्र, ऋण-रोग, पत्नी, आयु, धर्म, कर्म, आय और व्यय का चक्र मानव के जीवन में चलता रहता है। इसमें जो राशि शरीर के जिस अंग का प्रतिनिधित्व करती है, उसी राशि में बैठे ग्रहों के प्रभाव के अनुसार रोग की उत्पत्ति होती है। कुंडली में बैठे ग्रहों के अनुसार किसी भी जातक के रोग के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
कोई भी ग्रह जब भ्रमण करते हुए संवेदनशील राशियों के अंगों से होकर गुजरता है तो वह उन अंगों को नुकसान पहुंचाता है। जैसे आज कल सिंह राशि में शनि और मंगल चल रहे हैं तो मीन लग्न मकर और कन्या लग्न में पैदा लोगों के लिए यह समय स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा नहीं कहा जा सकता।
अब सिंह राशि कालपुरुष की कुंडली में हृदय, पेट (उदर) के क्षेत्र पर वास करती है तो इन लग्नों में पैदा लोगों को हृदयघात और पेट से संबंधित बीमारियों का खतरा बना रहेगा। इसी प्रकार कुंडली में यदि सूर्य के साथ पापग्रह शनि या राहु आदि बैठे हों तो जातक में विटामिन ए की कमी रहती है। साथ ही विटामिन सी की कमी रहती है जिससे आंखें और हड्डियों की बीमारी का भय रहता है।
चंद्र और शुक्र के साथ जब भी पाप ग्रहों का संबंध होगा तो जलीय रोग जैसे शुगर, मूत्र विकार और स्नायुमंडल जनित बीमारियां होती है। मंगल शरीर में रक्त का स्वामी है। यदि ये नीच राशिगत, शनि और अन्य पाप ग्रहों से ग्रसित हैं तो व्यक्ति को रक्तविकार और कैंसर जैसी बीमारियां होती हैं। यदि इनके साथ चंद्रमा भी हो जाए तो महिलाओं को माहवारी की समस्या रहती है जबकि बुध का कुंडली में अशुभ प्रभाव चर्मरोग देता है।
चंद्रमा का पापयुक्त होना और शुक्र का संबंध व्यसनी एवं गुप्त रोगी बनाता है। शनि का संबंध हो तो नशाखोरी की लत पड़ती है। इसलिए कुंडली में बैठे ग्रहों का विवेचन करके आप अपने शरीर को निरोगी रख सकते हैं। किंतु इसके लिए सच्चरित्रता आवश्यक है। आरंभ से ही नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव को ध्यान में रखकर आप अपने भविष्य को सुखद बना सकते हैं।

यदि आप भी किसी रोग  से पीड़ित है और इससे रहत का  का उपाय जानना चाहते है तो फ़ोन द्वारा संपर्क कर सकते है
आचार्य पीयूष वशिष्ठ
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Vedic Remedies to get victory in court case

कोर्ट केस और ज्योतिष

Court case and astrology
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कोर्ट केस और ज्योतिष

अक्सर मनुष्य को अपने कारणो से न्याय के लिये जाना पडता है,न्याय भी प्रकृति के अनुसार ही मिलता है,अगर किसी को न्यायालय न्याय नही दे पाता है तो प्रकृति अपने द्वारा उसे सजा देती है,लेकिन किसी प्रकार का छल या फ़रेब करने के बाद न्याय ले लिया जावे तो वह न्याय नही बेईमानी कही जाती है,प्रकृति ने न्याय के लिये जिन कारकों को नियुक्त किया है वे इस प्रकार से हैं

लगन वादी है

कुन्डली या प्रश्न कुन्डली में लगन वादी होती है और वह वाद कुन्डली में लगनेश के स्थान से पता किया जाता है,लगनेश पर कब खराब या अच्छे ग्रह फ़रक डाल रहे होते है,जो ग्रह अपने असर से खराब असर देता है वही कारण न्यायालय में जाने का होता है।

सप्तम स्थान प्रतिवादी का है

लगन से या प्रश्न कुन्डली से सप्तम स्थान प्रतिवादी का होता है,अगर सप्तमेश किसी प्रकार से शक्तिशाली होता है तो प्रतिवादी की जीत होती है,और कमजोर रहने पर वह हार जाता है और वादी की जीत हो जाती है,सप्तमेश का असर जिन जिन राशियों या ग्रहों पर होता है वहीं पर प्रतिवादी अपना खराब असर देता है।

शनि केतु दोनो मिलकर वकील बनते है

न्यायालय में जाने के लिये वकील की जरूरत पडती है,शनि और केतु अगर अगर माफ़िक है तो वकील ठीक मिलता है,और शनि केतु ठीक नही है तो वकील भी परेशान करते है।

शनि न्यायालय का रूप बताता है

जन्म कुन्डली या प्रश्न कुन्डली से शनि का स्थान देखकर ही पता किया जाता है कि न्यायालय का क्षेत्र कैसा है,उच्च न्यायालय के लिये शनि की उच्चता और नीचे के न्यायालयों के लिये शनि के निम्न भावों में स्थिति देखकर पता किया जाता है।

जज गुरु होता है

जन्म कुन्डली की या प्रश्न कुन्डली की स्थिति को देखकर पता किया जाता है कि गुरु किस भाव में है और गुरु पर किस किस ग्रह का असर जा रहा है,गुरु के ऊपर जिस ग्रह की नजर होती है जज उसी प्रकार का न्याय देता है,और गुरु जिस ग्रह को अपना असर देता ग्रह को उसी प्रकार से न्याय लिखना पडता है।

शनि बुध इतिहासिक न्याय कर्ता है

कुन्डली में अगर किसी प्रकार से शनि और बुध की युति से न्याय लिखा जाता है तो वह इतिहासिक न्याय कहा जाता है,और उस न्याय के द्वारा अन्य लोगों को न्याय देने के लिये वकील या जज उस दिये गये न्याय का हवाला अदालत में देते हैं।

न्याय मिलने की अवधि शनि तय करता है

कर्म और फ़ल का दाता शनि न्याय के समय को निश्चित करता है,राहु वादी प्रतिवादी को भ्रमित करने के बाद न्यायालय में घुमाते रहते है,और वकील के लिये कमाई का साधन राहु ही करवाता है।

राहु का कार्य दो को लडाकर दूर बैठकर तमाशा देखना है

दो व्यक्तियों को चुगली के द्वारा या अन्य कारण से राहु भ्रम में डाल देता है,उन भ्रमों के कारण दोनो एक दूसरे से पूंछे बिना ही या किसी प्रकार की राहु की हरकत से ग्रसित होकर एक दूसरे के जान के दुश्मन बन जाते है,और कोर्ट केश या थाने अदालत के चक्कर लगा लगा कर बरबाद हुआ करते है।

शनि राहु की युति और मंगल की द्रिष्टि जेलखाना है

कुन्डली में शनि राहु की युति को अगर मंगल देखता है तो जेलखाना या नजरबंदी कहा जाता है,लेकिन किसी प्रकार की गुरु या सूर्य की युति जेलखाने के भाव को बदल कर रेलगाडी या वाहन की चलती फ़िरती केटरिंग में बद्ल देते है,यह भाव किसी प्रकार से केतु की उच्चता में गाडियों की रिपेयरिंग का स्थान भी बन जाता है।

द्वितीयेश धन तृतीयेश चैक षष्ठेश बैंक है

दूसरे भाव का मालिक नगद धन का मालिक है तीसरे भाव का मालिक चैक है और छठे भाव का मालिक बैंक है,तीसरे भाव को अगर अच्छा ग्रह देख रहा है तो चैक पास हो जाता है,और अगर कोई गलत ग्रह देख रहा है तो वह चैक अनादरित हो जाता है,उसी प्रकार से दूसरे भाव का मालिक अगर कमजोर है तो बैंक में धन नही है और चैक के द्वारा गलत तरीके से भुगतान किया जा रहा है,तीसरे भाव को राहु के देखने पर झूठा चैक दिया जा रहा है।

नवें भाव का राहु प्रतिवादी को झूठ बुलवाता है

नवां भाव प्रतिवादी के लिये तीसरा भाव बन जाता है,और राहु की सिफ़्त झूठ बोलने की होती है,इसलिये प्रतिवादी के अन्दर झूठ बोलने की कला आ जाती है,लेकिन गुरु अगर राहु के साथ है तो गुरुचान्डाल योग बनने से जज को झूठी बात पर भी यकीन हो जाता है और फ़ैसले में झूठे व्यक्ति का फ़ायदा हो जाता है,लेकिन राहु के गोचर में मंगल के साथ पहुंचते ही झूठ से पर्दा उठ जाता है,तथा झूठे तरीके से जीते गये केश का असर अचानक मौत या किसी प्रकार के भयंकर हादसे के रूप में सामने आता है,अथवा झूठी बात या गवाही देने वाले के लिये किसी न मिटने वाली बीमारी के पैदा होने के कारण उसे पूरी सजा जो मिलनी थी वह मिलती है,तथा जो नुकसान झूठी बात या गवाही देने के कारण वादी को हुआ था उसे किसी अन्य मद के जरिये उसकी क्षति पूर्ति हो जाती है,यही प्रकृति का न्याय बोला है,और जज को हर फ़ैसले में Natural Law के बारे में सोचना पडता है।

यदि आप भी किसी कोर्ट केस से पीड़ित है और इसका परिणाम या विजय प्राप्ति का उपाय जानना चाहते है तो फ़ोन द्वारा संपर्क कर सकते है
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Friday, 27 September 2013

Easy Remedy for Domestic Disturbances (Paarivaarik Kalah Kalesh ka Upay)

Remedy for Domestic Disturbances (Paarivaarik Griha Kalesh ka Upay)

If you are disgusted with frequent quarrels in your family and you feel that the environment in your home is disturbed then this post is for you. In this post, I am going to provide a mantra, which, if recited daily with complete faith and dedication daily, brings peace and harmony in home. 


astrology remedies for domestic disturbance violence
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After taking bath in the morning, sitting on the floor on a mat or cotton cloth, facing towards east direction, the following mantra should be recited for at least 108 times. If you can recite it more, then that will be even better. If you can not recite it in the morning, any other time can also be chosen during the day to recite it.

Please make sure that you pronounce the mantra correctly to get the complete benefit.

Dhaam Dheem Dhoom Dhoor jatehe
Patni Baam Beem Boom Vaag dheeshwari
Kraam Kreem Kroom Kaalika Devi 
Shaam Sheem Shoom Me Shubham Kuru

अगर आप अपने घर में रोज़ रोज़ के कलह-कलेश से परेशान हैं तो यह पोस्ट आपके लिए है। इस पोस्ट में मैं एक मंत्र लिखने जा रहा हूँ जिसका अगर पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ रोज़ जप किया जाए तो यह पारिवारिक वातावरण में शान्ति लाता है और परिवार में कलह-कलेश को मिटाता है ।

रोज़ सुबह स्नान करने के बाद, धरती पर एक आसन बिछाकर, पूर्व दिशा की और मुख करके, नीचे दिया गया मंत्र कम से कम 108 बार उच्चारित कीजिये । अगर आप इससे ज्यादा बार उच्चारित कर सकते हैं तो वो और भी अच्छा होगा । अगर आप सुबह इस मंत्र का जप नहीं कर सकते तो दिन में किसी और समय भी कर सकते हैं ।

ध्यान रहे की इस मंत्र का उच्चारण सही किया जाना चाहिए तभी पूरा लाभ लिया सकता है ।

धाम धीम धूम धूर्जटे 
पत्नी वाम विम बूम वागधीश्वरी 
क्राम क्रीम क्रूम कालिका देवि 
शाम शीम शूम मे शुभम  कुरु


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1 About Your Career Best Field For Career, Time Of Growth And Promotion, Ups And Downs In Career Graph, Remedies For Batter Career, Business Opportunities .
2 About Marriage And Relationship And General Predictions About Your Wife And Children
3 About Health And Mental Peace
4 Your Spiritual Life
5 Lucky Gemstone
6 Lucky Color , Day And Number
7 Which God Or Mantra Is Best For You.
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Astrologer Peeyush Vashisth (Gold Medalist)
Degree- Shastri,Acharya, Mphil In Predictive Astrology
-13 Years Experience
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