Vastu Shastra Remedies
वास्तु के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य एवं बिना तोडफोड के दोष निवारण
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आज के जमाने में वास्तु शास्त्र के आधार पर स्वयं भवन का निर्माण करना
बेशक आसान व सरल लगता हो, लेकिन पूर्व निर्मित भवन में बिना किसी तोड फोड
किए वास्तु सिद्धान्तों को लागू करना जहाँ बेहद मुश्किल हैं, वहाँ वह
प्रयोगात्मक भी नहीं लगता. अब व्यक्ति सोचता है कि अगर भवन में किसी प्रकार
का वास्तु दोष है, लेकिन उस निर्माण को तोडना आर्थिक अथवा अन्य किसी
दृ्ष्टिकोण से संभव भी नहीं है, तो उस समय कौन से ऎसे उपाय किए जाएं कि उसे
वास्तुदोष जनित कष्टों से मुक्ति मिल सके. आज की इस पोस्ट में प्रस्तुत
हैं कुछ ऎसे उपाय, जिन्हे अपनाकर आप किसी भी प्रकार के वास्तुजनित दोषों से
बहुत हद तक बचाव कर सकते हैं.
(peeyushvashisth.com)
* 4 X 4 इन्च का ताम्र धातु में निर्मित वास्तु दोष निवारण यन्त्र भवन के मुख्य द्वार पर लगाना चाहिए.
* भवन के मुख्य द्वार के ऊपर की दीवार पर बीच में गणेश जी की प्रतिमा, अन्दर और बाहर की तरफ, एक जगह पर आगे-पीछे लगाएं.
*वास्तु के अनुसार सुबह पूजा-स्थल (ईशान कोण) में श्री सूक्त, पुरूष सूक्त
एवं संध्या समय श्री हनुमान चालीसा का नित्यप्रति पठन करने से भी शांति
प्राप्त होती है.
*यदि भवन में जल का बहाव गलत दिशा में हो, या पानी की
सप्लाई ठीक दिशा में नहीं है, तो उत्तर-पूर्व में कोई फाऊन्टेन (फौव्वारा)
इत्यादि लगाएं. इससे भवन में जल संबंधी दोष दूर हो जाएगा.
* टी. वी.
एंटीना/ डिश वगैरह ईशान या पूर्व की ओर न लगाकर नैऋत्य कोण में लगाएं, अगर
भवन का कोई भाग ईशान से ऊँचा है, तो उसका भी दोष निवारण हो जाएगा.
*
भवन या व्यापारिक संस्थान में कभी भी ग्रेनाईट पत्थर का उपयोग न करें.
ग्रेनाईट चुम्बकीय प्रभाव में व्यवधान उत्पन कर नकारात्मक उर्जा का संचार
करता है.
* भूखंड के ब्रह्म स्थल (केन्द्र स्थान) में ताम्र धातु निर्मित एक पिरामिड दबाएं .
* जब भी जल का सेवन करें, सदैव अपना मुख उत्तर-पूर्व की दिशा की ओर ही रखें.
* भोजन करते समय, थाली दक्षिण-पूर्व की ओर रखें और पूर्व की ओर मुख कर के ही भोजन करें.
* दक्षिण-पश्चिम कोण में दक्षिण की ओर सिराहना कर के सोने से नींद गहरी और
अच्छी आती है. यदि दक्षिण की ओर सिर करना संभव न हो तो पूर्व दिशा की ओर
भी कर सकते हैं.
* यदि भवन की उत्तर-पूर्व दिशा का फर्श दक्षिण-पश्चिम
में बने फर्श से ऊँचा हो तो दक्षिण-पश्चिम में फ़र्श को ऊँचा करें.यदि ऎसा
करना संभव न हो तो पश्चिम दिशा के कोणे में एक छोटा सा चबूतरा टाईप का बना
सकते हैं.astrologer in jaipur
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